CIBIL स्कोर कम होने पर भी लोन की सुविधा: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में निर्देश जारी किए हैं, जो CIBIL स्कोर कम होने पर भी लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। यह उन लाखों लोगों के लिए राहत की खबर है, जिनका क्रेडिट स्कोर कम होने के कारण लोन आवेदन अस्वीकृत हो जाता था। इस नए कदम से न केवल लोन की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि इससे आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
CIBIL स्कोर और लोन की उपलब्धता
CIBIL स्कोर को आमतौर पर लोन स्वीकृति का एक महत्वपूर्ण मापदंड माना जाता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर तैयार किया जाता है और 300 से 900 के बीच होता है। उच्च स्कोर का मतलब है कि आप एक भरोसेमंद उधारकर्ता हैं। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि कम CIBIL स्कोर वाले व्यक्ति को लोन प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
- कम क्रेडिट स्कोर से लोन स्वीकृति में बाधा होती है।
- अधिकांश बैंक और वित्तीय संस्थान उच्च स्कोर को प्राथमिकता देते हैं।
- RBI के नए निर्देशों से इस मुद्दे को हल करने की कोशिश की जा रही है।
RBI की नई गाइडलाइंस

RBI ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे लोन देने की प्रक्रिया में अधिक लचीलापन अपनाएं। इसका मतलब है कि वे केवल CIBIL स्कोर पर निर्भर न रहें, बल्कि अन्य मापदंडों को भी ध्यान में रखें।

लोन प्राप्त करने के वैकल्पिक तरीके
- गैर-परंपरागत डेटा: डिजिटल लेन-देन, यूटिलिटी बिल भुगतान आदि को भी लोन स्वीकृति में शामिल किया जा सकता है।
- सिक्योरिटी अप्रोच: संपत्ति या गारंटर के रूप में सुरक्षा देना।
- संयुक्त लोन: किसी और के साथ मिलकर लोन लेना।
- क्रेडिट कार्ड का उपयोग: नियमित रूप से क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करके स्कोर सुधारना।
लोन के नए अवसर
छोटे व्यवसायों के लिए राहत
- स्मॉल बिजनेस लोन: अब छोटे व्यवसायों को कम स्कोर के बावजूद लोन मिलना संभव होगा।
- स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग: नए व्यवसायों को भी वित्तीय सहायता मिल सकेगी।
व्यक्तिगत लोन के विकल्प
- कम ब्याज दर पर उपलब्ध।
- लचीली चुकौती शर्तें।
- आवेदन प्रक्रिया सरल।
- फाइनेंसियल सलाहकारों की मदद उपलब्ध।
गैर-परंपरागत डेटा का महत्व
गैर-परंपरागत डेटा के उपयोग से लोन प्राप्त करने की प्रक्रिया में क्रांति आ सकती है। इसमें आपके बिल भुगतान, डिजिटल लेन-देन आदि शामिल होते हैं, जो आपके वित्तीय व्यवहार का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
- पारदर्शिता में वृद्धि।
- उपभोक्ता के वित्तीय व्यवहार का समग्र दृष्टिकोण।
- लोन स्वीकृति में तेजी।
- उधारकर्ताओं के लिए अधिक अवसर।
- कम ब्याज दरें।
बैंकों के लिए नई संभावनाएं
नए निर्देशों के तहत, बैंकों को भी अधिक लचीला होने का मौका मिलेगा। वे अधिक व्यक्तियों और व्यवसायों को लोन दे सकेंगे, जिससे उनकी ग्राहक संख्या और मुनाफा बढ़ सकता है।
वर्ष | लोन की राशि | ब्याज दर | उधारकर्ता संख्या | स्वीकृति दर |
---|---|---|---|---|
2023 | ₹5,00,000 | 12% | 10,000 | 85% |
2024 | ₹6,00,000 | 11.5% | 12,000 | 88% |
2025 | ₹7,00,000 | 11% | 15,000 | 90% |
2026 | ₹8,00,000 | 10.5% | 18,000 | 92% |
2027 | ₹9,00,000 | 10% | 20,000 | 95% |
2028 | ₹10,00,000 | 9.5% | 25,000 | 97% |
2029 | ₹12,00,000 | 9% | 30,000 | 98% |
लोन स्वीकृति के लिए टिप्स
यदि आपका CIBIL स्कोर कम है, तो लोन आवेदन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।
सिक्योरिटी और गारंटी
- संपत्ति को गारंटी के रूप में प्रस्तुत करें।
- विश्वसनीय गारंटर की सहायता लें।
- संयुक्त लोन के लिए अप्लाई करें।
- सिक्योरिटी डिपॉजिट का उपयोग करें।
क्रेडिट स्कोर सुधार
- समय पर बिल भुगतान करें।
- क्रेडिट कार्ड का सही उपयोग करें।
- अत्यधिक कर्ज से बचें।
- वित्तीय योजनाएं बनाएं।
भारतीय बाजार में CIBIL स्कोर के बावजूद लोन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए RBI का यह कदम सराहनीय है। इससे न केवल लोन की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
FAQ
क्या CIBIL स्कोर के बिना लोन मिल सकता है?
हाँ, RBI के नए निर्देशों के अनुसार, गैर-परंपरागत डेटा का उपयोग करके लोन प्राप्त किया जा सकता है।
कम CIBIL स्कोर होने पर लोन कैसे प्राप्त करें?
गैर-परंपरागत डेटा का उपयोग, सिक्योरिटी, और गारंटर की सहायता लें।
क्या सभी बैंक इन निर्देशों का पालन करेंगे?
RBI ने सभी बैंकों को इन निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
क्या ब्याज दरें भी प्रभावित होंगी?
हाँ, नए मापदंडों के अनुसार ब्याज दरों में भी बदलाव हो सकता है।
क्या यह कदम छोटे व्यवसायों के लिए फायदेमंद होगा?
जी हाँ, छोटे व्यवसायों को अब अधिक लोन अवसर मिलेंगे।